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श्री शंकर कुमार चौधरी

प्राचार्य (प्रभारी)

प्राचार्य (प्रभारी)

श्री शंकर कुमार चौधरी

जिला मुख्यालय से करीब 6 कि0मी0 पश्चिम दिशा में गाजीपुर-वाराणसी मार्ग पर महाराजगंज स्थित मुख्य बाजार में स्थित श्री सहदेव संस्कृत महाविद्यालय की स्थापना सन् 1975 में हुई। वर्तमान में ज्योतिश, वेद, पुराण, दर्शन, साहित्य एवं व्याकरण समेत 6 विशय से शास्त्री एवं आचार्य की शिक्षा प्रदान की जा रही है। महाविद्यालय में जनपद के अलावा पड़ोसी जनपद के छात्र भी अध्ययन हेतु यहां दाखिला लेते हैं। छात्रों की सुविधा हेतु पुस्तकालय, नलकूप, शौचालय, प्रकाश आदि की समुचित व्यवस्था सुलभ है।

शिक्षा और ज्ञान के विस्तार के क्रम में गाजीपुर में उच्च शिक्षा को नयी दिशा देने के लिए इस महाविद्यालय की स्थापना की गई। प्राकृतिक सौन्दर्य से आच्छादित यह महाविद्यालय क्षेत्रीय अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए कृत संकल्प है। इस क्रम में अध्ययन अध्यापन के विशिष्ट वातवरण का निर्माण परिसर में किया गया है। शिक्षा का विस्तार सूदूरवर्ती क्षेत्र में करना इस महाविद्यालय का प्रमुख उद्देश्य है। इस दिशा में हम निरन्तर प्रयत्नशील हैं। शिक्षण कार्य के साथ-साथ महाविद्यालय प्रशासन, सांस्कृतिक गतिविधियों में भी गहरी रूची रखता है, अतः समय-समय पर सामाजिक, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक कार्यक्रमों का अयोजन महाविद्यालय में होता रहता है।

महाविद्यालय परिवार समाज के लोगों को सचेत करने के साथ युवाओं में राष्ट्रेवा का भाव जागृत करने की भी अथक प्रयास कर रहा है। इस क्रम में महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना की दो इकाईयाँ कार्य कर रही हैं, इसके साथ ही युवाओं को एड्स और रक्तदान के प्रति जागरूक करने के लिए महाविद्यालयमें रेड रिबन क्लब की भी स्थापना की गई है।.

यह महाविद्यालय भावी राष्ट्र निर्माण के विभिन्न सक्षम युवाओं का विकास करने के लिए संकल्पित है। भारत एक युवा राष्ट्र है। ऐसी स्थिति में यदि युवा शिक्षा और ज्ञान के से परिपर्ण होगा और अपने सामाजिक उत्तरदायित्वों के प्रति सजग होगा, तो भारत स्वतः विकास के पथ पर अग्रसर हो जायेगा। हमारे संस्थान का यही प्रयास है कि इस क्षेत्र में हम अपना श्रेष्ठतम योगदान दे सकें। इन्ही अपेक्षाओं को पूरा करने के लए हमारा महाविद्यालय परिवार निरन्तर प्रयासरत है।